देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद से ही भारतीय राजनीतिज्ञों और विद्वेताओं ने देश के अपने एक विशेष संविधान होने पर चर्चा शुरू कर दी थी। इसी क्रम में 29 अगस्त 1947 को भारतीय संविधान के निर्माण के लिए एक प्रारूप समिति का निर्माण किया गया था, जिसके अध्यक्ष के रूप में डॉ भीमराव अंबेडकर को नियुक्त किया गया था और उन्हें संविधान के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। डॉ अंबेडकर ने निरंतर दो वर्षों के अथक परिश्रम और विश्व भर के सभी संविधानों का बारीकी से अध्ययन करने के बाद भारतीय परिस्थितियों के संदर्भ में संविधान का मसौदा तैयार किया और 26 नवंबर, 1949 को इसे भारतीय संविधान सभा के सामने रखा, जिसे उसी दिन अपना लिया गया। इसके बाद से प्रति वर्ष हमारे देश में 26 नवंबर को "संविधान दिवस" मनाया जाता है। जानिए भारत के संविधान से जुड़े कुछ रोचक तथ्य :
1. भारत को अपने सबसे बड़े लिखित संविधान के कारण ही विश्व का सबसे बाद गणतंत्र कहा जाता है।
2. भारतीय संविधान के निर्माण में संविधान सभा पर कुल अनुमानित लागत एक करोड़ रुपये थी।
3. संविधान के निर्माण में 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था और कुल 118 बैठकों का आयोजन इस दौरान किया गया था।
4. भारतीय संविधान सभा के मुख्य सदस्यों में पंडित जवाहर लाल नेहरू, डॉ भीमराव अंबेडकर सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम, डॉ राजेन्द्र प्रसाद थे।
5. 11 दिसम्बर, 1946 को डॉ राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का अध्यक्ष चुना गया था, जो अंत तक इस पद पर बने रहे।
6. भारतीय संविधान में स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे जैसे आदर्शों को फ्रांस से लिए गया है, वहीं संसदीय सरकार, संसदीय प्रणाली, एकल नागरिकता, कैबिनेट व्यवस्था जैसी कईं व्यवस्थाएँ ब्रिटेन से ली गई हैं।
7. हमारे संविधान में संशोधन और राज्य सभा सदस्यों के चुनाव की प्रणाली दक्षिण अफ्रीका, मौलिक कर्तव्यों को रूस, राष्ट्रपति चुनाव के लिए अप्रत्यक्ष मतदान आयरलैंड से, राष्ट्रपति पर महाभियोग अमेरिकी संविधान से लिए गए हैं।
8. यह विश्व का सबसे बड़ा हस्तलिखित संविधान है, जिसे हिन्दी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा लिपिबद्ध किया गया था। उन्होंने बेहद सुंदर इटैलिक स्टाइल में कैलिग्राफी के साथ संविधान को लिखा था, जिसमें उन्हें छह महीने का समय लगा था। इसके लिए उन्होंने किसी प्रकार का मेहनताना नहीं लिया था, बस उनकी शर्त थी कि वह हर पृष्ठ के नीचे अपना नाम और अंतिम पृष्ठ के बाद अपना व अपने दादा जी का नाम लिखेंगे।
9. संविधान लिखने के लिए हाथ से बने हुए कागज पुणे से मंगवाए गए और इसके लिए रायजादा साहब ने 303 निब होल्डर कलम और 254 बोतल इंक का प्रयोग किया।
10. भारतीय संविधान की मूल प्रति को शांति निकेतन के कलाकारों द्वारा आचार्य नंदलाल बोस के निर्देशन में सजाया गया था।
11. संविधान की प्रस्तावना का पृष्ठ बी राम मनोहर सिंह के द्वारा निर्मित किया गया था।
12. संविधान की मूल प्रतियों को संसद के पुस्तकालय में हीलियम से भरे चैम्बर में रखा गया है ताकि यह खराब नहीं हों।
नमस्कार, मैं रिंकू सोनकर आपके क्षेत्र का प्रतिनिधि बोल रहा हूँ. मैं आप सब की आम समस्याओं के समाधान के लिए आपके साथ मिल कर कार्य करने को तत्पर हूँ, चाहे वो हो प्रदेश में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, समानता, प्रशासन इत्यादि से जुड़े मुद्दे या कोई सुझाव जिसे आप साझा करना चाहें. आप मेरे जन सुनवाई पोर्टल पर जा कर ऑनलाइन भेज सकते हैं. अपनी समस्या या सुझाव दर्ज़ करने के लिए क्लिक करें - जन सुनवाई.
I write and speak on the matters of relevance for technology, economics, environment, politics and social sciences with an Indian philosophical pivot.