मिसाइलमैन के नाम से ख्याति प्राप्त पूर्व राष्ट्रपति भारतरत्न एपीजे अब्दुल कलाम की आज जयंती है. उनका जन्म 15 अक्टू्बर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्व्रम में हुआ था और उनका बचपन बहुत से संघर्षों के साथ बीता किंतु इन सबके बावजूद भी कलाम साहब ने हिम्मत नहीं हारते हुए अपने जीवन को एक मिसाल के रूप में हम सभी के सामने रखा. कलाम साहब का पूरा जीवन देश सेवा और मानवता को समर्पित रहा, शिक्षा के प्रति समर्पित डॉ कलाम बेहद गरीबी में जन्में थे और रेलवे स्टेशन पर अखबार बेच कर उन्होंने शिक्षा प्राप्त की. यही वजह है कि एपीजे अब्दुल कलाम का यह विचार आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है- सपने वो नहीं हैं जो आप नींद में देखते हैं, सपने वो हैं जो आपको नींद ही नहीं आने दें.
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज से शिक्षा पूरी की और वर्ष 2002 में भारत के राष्ट्रपति का सम्मानित पद उन्हें मिला. अपने पांच वर्ष के कार्यकाल के बाद उन्होंने शिक्षा, लेखन इत्यादि में अपना समय व्यतीत किया. भारत रत्न के साथ साथ रामानुजन पुरस्कार, पदम् विभूषण, डॉक्टर ऑफ साइंस आदि जैसे बहुत से सम्मान मिले थे, विद्यार्थियों और बच्चों से डॉ कलाम को बेहद लगाव था. 27 जुलाई, 2015 में आईआईएम शिलॉंग में विद्यार्थियों को लेक्चर देने के दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ. आज भले ही डॉ कलाम भौतिक रूप से हमारे आस पास नहीं हैं किंतु उनके विचार आज भी सभी के लिए प्रेरणा बनकर सामने खड़े हैं. उनके ऐसे ही कुछ विचार इस प्रकार हैं...
1. जीवन में फेल होते हैं तो कभी हार न मानें क्योंकि फेल (FAIL) मतलब फर्स्ट अटैम्प्ट इन लर्निंग होता है.
2. इंतजार करने वालों को सिर्फ उतना ही मिलता है जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं.
3. महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं.
4. शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वो माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या आपका पेशा.
5. भगवान ने हमारे मष्तिष्क और व्यक्तित्व में असीमित शक्तियां और क्षमताएं दी हैं. ईश्वर की प्रार्थना हमें इन शक्तियों को विकसित करने में मदद करती है.
6. अगर किसी देश को भ्रष्टाचार – मुक्त और सुन्दर-मन वाले लोगों का देश बनाना है तो, मेरा दृढ़तापूर्वक मानना है कि समाज के तीन प्रमुख सदस्य ये कर सकते हैं: माता, पिता और गुरु.
7. काले रंग को भावनात्मक रूप से बुरा माना जाता है लेकिन हर ब्लैक बोर्ड विधार्थियों की जिंदगी को ब्राइट बनाता है.
I write and speak on the matters of relevance for technology, economics, environment, politics and social sciences with an Indian philosophical pivot.