रमजान के बाद दूसरा सबसे पवित्र महीना माने जाने वाले इस्लामिक नववर्ष का आगाज चांद दिखने के साथ शुरू होता है। इस्लामिक कैलेंडर की गणना चाँद के अनुसार की जाती है और इसे हिजरी कैलेंडर के नाम से भी जाना जाता है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार मुहर्रम के दिन ही पैगंबर मुहम्मद ने मक्का से अपने लोगों का नेतृत्व करते हुए मदीना प्रवास किया था और उनके पवित्र तीर्थस्थल को हजीरा के नाम से जाना जाता है। जैसे ही इस्लामी नया साल शुरू होता है, आइए हम प्रार्थना करें कि यह साल शांति, खुशी और नए दोस्तों की बहुतायत से भरा हो। मुहर्रम के इस पवित्र नए दिन के रोज मेरी दुआएं हैं कि यह नया दिन, नया वर्ष ढेरों नई उम्मीदों को अपने साथ लेकर आए और मुहर्रम की 10वीं तारीख पर कर्बला के शहीदों एवं हजरत इमाम हुसैन की कुर्बानियों को नमन।
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