निर्मल हिंडन कार्यक्रम
के अंतर्गत संचालित ‘हिंडन सेवा’ के तहत हिंडन नदी को
पहले की भांति स्वच्छ, अविरल व प्रदूषण मुक्त बनाने का कार्य प्रशासन व आम लोगों
द्वारा जोर-शोर से प्रारम्भ
कर दिया गया है. इसके अंतर्गत प्रशासन द्वारा लोगों में न सिर्फ हिंडन नदी
को साफ करने के प्रति जागरूकता फैलायी गयी, बल्कि हिंडन के किनारे
बसे प्रत्येक गांव को इसे साफ करने की जिम्मेदारी भी दी गयी. इसके अलावा नगर पालिकाएं
भी सफाई कर्मचारियों, जेसीबी व मशीनों के माध्यम से सहायता प्रदान करके इस अभियान
में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले
रहीं हैं. वहीं इस अभियान से जुड़े कुछ हिंडन मित्र (स्वयंसेवक) भी सेवा कार्य
में लगे हुए हैं.
‘स्वच्छ भारत अभियान’ के अंतर्गत हिंडन नदी को
साफ करने के लिए यह ‘हिंडन सेवा कार्यक्रम’ कमिश्नर डॉ प्रभात कुमार
के नेतृत्व में चलाया जा रहा है, जो कि काफी सक्रियता व सजगता से इस कार्यक्रम का संचालन कर
रहें हैं. इस कार्यक्रम के सन्दर्भ में डॉ प्रभात कुमार ने जानकारी दी है कि इस अभियान
के अंतर्गत हिंडन और उसकी सहायक नदियों के बहाव क्षेत्र के, मेरठ मंडल के सभी सात
जनपदों के लिए शीघ्र ही एक योजना बना कर उस पर भी कार्य प्रारम्भ किया जाएगा.
इस सेवा कार्यक्रम के दौरान सफाई
करते समय नदी से सातवें दिन जलकुम्भी निकाली गयी, जिसे भविष्य में खाद के रूप में परिवर्तित करने
पर कार्य किया जा रहा है. हिंडन मित्र रमन त्यागी के अनुसार हिंडन नदी से जितनी
जलकुम्भी निकलेगी, उसकी खाद बनायी जायेगी तथा प्रशासन ने ऐसा करना प्रारम्भ भी
कर दिया है. इसके लिए जलकुम्भी को नदी के किनारे से 10 फीट हटाकर उसके बेड बनाये
जा रहे हैं. जिसके बाद इस पर कल्चर का स्प्रे किया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने
जानकारी दी कि जलकुम्भी को खाद के रूप में परिवर्तित करने के बाद इस खाद का प्रयोग
वन महोत्सव के दौरान वृक्षारोपण के लिए किया जायेगा.
इस कार्यक्रम को प्रशासन व लोगों द्वारा अत्यंत शीघ्रता के साथ अंजाम तक
पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. इसी का परिणाम है कि हिंडन सेवा के महज दसवें दिन नदी को
करीब तीन किलोमीटर की दूरी तक साफ करने का कार्य पूरा हो चुका है. वहीं कमिश्नर डॉ
प्रभात कुमार भी इस कार्यक्रम को लेकर काफी गंभीर हैं. उन्होंने दसवें दिन ही
पुरा महादेव पहुंचकर नौ दिन हुए कार्य का निरीक्षण किया तथा शेष कार्य को पूरा
करने से सम्बंधित योजना के बारे में सभी को समझाया. वहीं उन्होंने नदी से
निकली जम्कुम्भी को शीघ्रता से खाद के रूप में परिवर्तित करने तथा नदी के किनारों
की ठीक प्रकार से सफाई कराने का निर्देश दिया.
इसके अलावा उन्होंने बताया
हिंडन व इसकी सहायक नदियों की स्थिति में सुधार के लिए इस कार्यक्रम के अंतर्गत
प्रत्येक सप्ताह में हुए कार्य की रिपोर्ट तैयार की जायेगी व जब तक हिंडन नदी पूरी
तरह से साफ नहीं हो जाती तब तक यह कार्यक्रम चलता रहेगा. इसके साथ ही हिंडन सेवा
का यह कार्य पूरा होते ही एक हिंडन उत्सव भी मनाया जाएगा. वास्तव में इस सेवा
कार्यक्रम ने न सिर्फ हिंडन से लोगों को जोड़ने का कार्य किया है बल्कि मृत पड़ी इस
नदी को जीवंत करने व इसे पहले की भांति स्वच्छ, निर्मल व अविरल बनाने की
उम्मीद भी जगाए रखी है.
I write and speak on the matters of relevance for technology, economics, environment, politics and social sciences with an Indian philosophical pivot.